गजब का ऑफर नमस्कार दोस्तों मिनी इंडिया के द्वारा अपने आधिकारिक तौर पर तीन डोर कुपर एस के लिए एक प्राइस प्रोटक्शन स्कीम संचालित किया गया है. इसका उद्देश्य ग्राहक को ऐसा समय में भरोसा देना है जब इंपोर्ट ड्यूटी में बदलाव होने की संभावना हो. अभी के इस समय में बाउंड ऑफर के अंतर्गत कार खरीदने वालों कोई भी व्यक्ति अगले 6 महीने के अंदर एक्स शोरूम कीमत कम होने पर कीमत के अंतर को वापस पाने का पात्र होंगे.
इसका अर्थ हुआ कि जो अंतर आएगा तो ग्राहक को वह पैसा कंपनी के द्वारा वापस दिया जाएगा. जानकारी के तौर पर कहना चाहते हैं की हद तक इसका डिजाइन मारुति सुजुकी स्विफ्ट से मिलता नजर आ रहा है.
यह घोषणा संभावित खरीदारों के बीच झिझक को खत्म करने हेतु ही किया गया है. ताकि उनका भरोसा दिया जाए की यदि खरीदने के पश्चात कुछ देर में कीमत कम हो जाए तो उन्हें नुकसान नहीं होगा. कॉपर एस को यूके में मिनी के ऑक्सफोर्ड प्लांट से पूरी तरह से तैयार यूनिट के रूप में इंपोर्ट किया जाता है. वर्तमान समय में 44.9 लाख रुपये X शोरूम की कीमत बताई जा रही है.
दोस्तों 3 साल से अधिक समय तक भी बातचीत चली है इसके बाद भारत तथा यूनाइटेड किंगडम ने अभी हाल ही में ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर साइन कर दिया है. जो दूसरे पक्षीय आर्थिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शा रहा है. इस समझौता के कारण 2040 तक सालाना व्यापार मात्रा में 25.5 बिलियन पाउंड की वृद्धि होने की संभावना है.
जो 2024 में दोनों देशों के बीच 42.6 बिलियन पाउंड के माल तथा सेवाओं के आदान-प्रदान पर आधारित हुई है. आपको बता दे कि भारतीय निर्यातकों के लिए यह समझौता बहुत ही बड़ा फायदा है. इसका कारण यह है कि यूनाइटेड किंगडम भारत से आने वाले 99% सामान पर ट्रैफिक हटाने पर सहमत दें दिया है. दोस्तों आपको बता दे कि इस व्यापक के कारण चमड़े की वस्तु तथा ऑटो कंपोनेंट जैसे सेक्टर में काफी बढ़ावा मिलने वाला है. और इस कारण बहुत सारे उद्योग को लाभ भी होने वाला है.
वही यहां पर आपको जानकारी देना चाहते हैं कि 90% ब्रिटिश निर्यात पर शुल्क घटाने की प्रतिबद्धता भारत के द्वारा जताया गया है जिसके कारण बहुत सारे प्रमुख सेक्टर में उसके बाजार तक पहुंच धीरे-धीरे खुला दिखाई दे रहा है. FTA को आगे तथा मंजूरी की जरूरत है एवं उम्मीद बताया जा रहा है कि मिनी, एमजी, स्टोन, मार्टिन, जगुआर, लैंड रोवर, मैक्लॉरेन इत्यादि जैसे ब्रिटिश ब्रांडेड कर की कीमत में गिरावट थोड़ा नहीं भारी हो सकता है.